हुंडई इंडिया का शेयर: क्या त्योहारी मौसम और GST 2.0 बना रहे हैं यह ‘मल्टीबैगर’?
भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों एक स्टॉक सभी की नजरों में छाया हुआ है – हुंडई मोटर इंडिया। कंपनी के शेयरों ने एक शानदार दौड़ लगाई है, जो निवेशकों के लिए एक सुनहरे अवसर जैसा दिख रहा है। सरकार की ओर से जीएसटी (GST 2.0) में संभावित बदलाव की उम्मीदों और त्योहारी सीजन की रौनक ने मिलकर इस शेयर को नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
22 सितंबर को, क्रेता जैसी लोकप्रिय कारों का निर्माण करने वाली कंपनी का शेयर रिकॉर्ड 2,890 रुपये के स्तर को छू गया। हैरानी की बात यह है कि महज छह महीने पहले, 7 अप्रैल को, यह शेयर 1,541 रुपये के 52-हफ्ते के निचले स्तर पर था। यानी, इस छोटी सी अवधि में ही निवेशकों को लगभग 90% का भारी रिटर्न मिल चुका है।
सवाल यह उठता है कि क्या यह सफर यहीं रुकने वाला है? या फिर, अप्रैल की निचली कीमत से देखें तो क्या यह शेयर आगे चलकर एक ‘मल्टीबैगर’ साबित हो सकता है? आइए, पूरी कहानी को विस्तार से समझते हैं।
त्योहारी जोश: पहले दिन ही टूटा रिकॉर्ड
नवरात्रि के पहले दिन का उदाहरण ही हुंडई की मजबूत स्थिति को दिखाने के लिए काफी है। कंपनी ने इस एक दिन में लगभग 11,000 वाहन डीलरों को बिल किए। यह संख्या पिछले पांच सालों में किसी भी एक दिन में हुई सबसे ज्यादा बिलिंग है। यह आंकड़ा साफ संकेत देता है कि ग्राहकों में हुंडई की कारों को लेकर उत्साह बना हुआ है।
हुंडई मोटर इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ), तरुण गर्ग ने इस उम्मीद को और बल दिया है। उन्होंने कहा, “गति मजबूत है, और हमें उम्मीद है कि यह पूरे त्योहारी सीजन में बनी रहेगी।” यह ‘फेस्टिव सेल्स’ का जोश कंपनी के लिए राजस्व बढ़ाने का एक बड़ा जरिया है।
ब्रोकरेज फर्मों की नजर में: ‘खरीदें’ का सुझाव, भविष्य और उज्जवल
दुनिया की प्रमुख ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने 22 सितंबर को अपनी एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें हुंडई की ग्रोथ स्टोरी को और आगे बढ़ते देखा गया है। नोमुरा का मानना है कि हुंडई मोटर कंपनी का 2030 तक 5.5 मिलियन वाहनों का वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में भारत की अहम भूमिका होगी। अनुमान है कि 2030 तक भारत में हुंडई की घरेलू बिक्री 6 लाख यूनिट से बढ़कर 8.3 लाख यूनिट तक पहुंच सकती है, जो 40% की छलांग होगी। अगर एक्सपोर्ट को भी जोड़ दें, तो कुल बिक्री 2025 के 7.8 लाख यूनिट से बढ़कर 2030 तक 12 लाख यूनिट तक पहुंचने का अनुमान है। यह सालाना 9% की वृद्धि दर्शाता है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने का काम भी शुरू कर दिया है। पुणे की नई फैक्ट्री सालाना 2.5 लाख वाहनों का उत्पादन करेगी, जिससे कंपनी की कुल क्षमता लगभग 10 लाख यूनिट के करीब पहुंच जाएगी। नोमुरा ने यह भी कहा है कि 2030 के लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए हुंडई को और निवेश की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन कंपनी ‘विकास की गुणवत्ता’ पर ध्यान दे रही है। इसका मतलब है कि वह अधिक मुनाफा देने वाले सेगमेंट, जैसे कि एसयूवी, पर फोकस कर रही है। साथ ही, निर्यात का अनुपात बढ़ने से भी कंपनी के मार्जिन को सपोर्ट मिलेगा। नोमुरा ने हुंडई के शेयर पर ‘खरीदें’ (Buy) का सुझाव बरकरार रखा है।
नोमुरा अकेली नहीं है। भारत की प्रमुख ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल भी हुंडई पर उतना ही आशावान है और उसने भी ‘खरीदें’ की रेटिंग दी है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि हुंडई की एसयूवी-भारी पोर्टफोलियो भारत में बढ़ रहे ‘प्रीमियमाइजेशन’ के ट्रेंड को पकड़ने के लिए बिल्कुल सही है। साथ ही, दक्षिणपूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में निर्यात के नए अवसर भी मौजूद हैं।
नए प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रिक कारों की रणनीति
हुंडई की विकास यात्रा का एक बड़ा आधार उसकी महत्वाकांक्षी उत्पाद योजना है। कंपनी ने 2027 में भारत के लिए विशेष रूप से डिजाइन की जाने वाली एक इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो A+ एसयूवी सेगमेंट में होगी। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर, हुंडई 2030 तक 18 से अधिक हाइब्रिड मॉडल पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें से कुछ जेनिसिस ब्रांड के तहत भी होंगे। इनमें से कई मॉडल भारत में भी लॉन्च होने की उम्मीद है। कंपनी का लक्ष्य है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2030 तक हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी काफी बढ़ जाए, और भारत में भी इन तकनीकों को अपनाने की रफ्तार तेज होगी।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
कार्नेलियन एसेट एडवाइजर्स के संस्थापक विकास खेमानी ने ईटी नाउ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ऑटोमोबाइल Sector में कंसोलिडेटेड प्लेयर्स (मजबूत, स्थापित कंपनियां) हैं और हुंडई जैसे शेयर, कंज्यूमर ड्युरबल्स के मुकाबले बेहतर रिस्क-रिवार्ड का विकल्प पेश करते हैं। उन्होंने हुंडई के मजबूत मॉडल लाइन-अप और सकारात्मक गति की तारीफ की।
निष्कर्ष: आगे का रास्ता कैसा दिखता है?
जीएसटी 2.0 की घोषणा के बाद से, हुंडई मोटर इंडिया के शेयरों में 21% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो मारुति सुजुकी के बाद दूसरा सबसे बड़ा उछाल है। एक मजबूत उत्पाद पाइपलाइन, एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों पर बढ़ता फोकस, और विस्तार होता निर्यात नेटवर्क – इन सबने मिलकर हुंडई मोटर इंडिया को त्योहारी मांग और सुधारों की दोहरी ताकतों का फायदा उठाने के लिए मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है।
ब्रोकरेज फर्में कंपनी की लाभदायक वृद्धि करने और घरेलू तथा वैश्विक अवसरों को भुनाने की क्षमता पर भरोसा जताते हुए भविष्य को लेकर आशावान हैं। ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले महीनों में हुंडई का शेयर निवेशकों के लिए एक चमकता सितारा बना रह सकता है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है और किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना हमेशा समझदारी होती है।
अस्वीकरण: यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसे निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।